गर्मियों से निजात पाने के प्राचीन तकनीक

आज, हम गर्मियों में ठंडा रहने के लिए एयर कंडीशनिंग, बिजली के पंखे और बाष्पीकरणीय कूलर जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं। जिनका ग्लोबल वार्मंग में विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। एयर कंडीशनर से निकलने वाली गर्म हवा वातावरण को और भी गर्म बनती है व पंखे और कूलर के अत्यधिक इस्तेमाल से बिजली की खपत अतायधिक होती है हालाकि आजकल बिजली के आपूर्ति के लिए सोलर पैनल, विंडमिल आदि तकनीक उपलब्ध हैं परन्तु यह इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए डैम बनाए जाते हैं जो काफी मात्रा में बहते पानी को रोके रखते हैं और हम मनुष्य यह भूल जाते हैं कि बहता पानी को अप्राकृतिक रूप से रोकने पर भारी जल सैलाब आने का खतरा होता है। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए, कुछ ऐसी तकनीक जो प्राचीन काल में इस्तेमाल की जाती थी निम्नलिखित हैं: 

1. वास्तुकला: मिस्र और रोमन जैसी प्राचीन सभ्यताओं ने अपनी इमारतों को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखने के लिए उन्हें इस तरह से डिज़ाइन किया था जिससे की प्राकृतिक वेंटिलेशन और छाया को बढ़ावा मिले जैसे घरों की दीवारों को मोटी व छत की ऊंची और आंगनों के साथ बनाना। 

2. जल प्रणालियाँ: उदाहरण के लिए, प्राचीन फ़ारसी लोग अपने घरों को ठंडा करने के लिए विंडकैचर्स (एक प्रकार का प्राकृतिक वेंटिलेशन सिस्टम) का उपयोग करते थे। सतह पर ठंडी हवा लाने के लिए उन्होंने कानाट्स (भूमिगत चैनल) का भी उपयोग किया। 

3. कपड़े: प्राचीन काल में लोग अक्सर लिनन और कपास जैसी सांस लेने वाली सामग्री से बने हल्के रंग के, ढीले-ढाले कपड़े पहनते थे। आधुनिक समय में हम इन शीतलन प्रणालियों को शक्ति प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को शामिल कर सकते हैं, जिससे वे अधिक अनुकूल और उपयोगी बन सके।

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